EDITORIAL NEWS DESK/DAILY INDIATIMES/04.05.25

UPSC: महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला बनेंगी आईएएस अधिकारी, अदिबा अनम ने यूपीएससी में हासिल की 142वीं रैंकUPSC Success Story: महाराष्ट्र की अदिबा अनम ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 में 142वां रैंक प्राप्त कर इतिहास रचा और महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला आईएएस अधिकारी बनने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

अदिबा का सपना पहले डॉक्टर बनने का था, लेकिन जब उन्हें महसूस हुआ कि मेडिकल शिक्षा की लागत बहुत अधिक है, तो उन्होंने यह विचार छोड़ दिया। फिर एक दिन, सेवां एनजीओ के निजामुद्दीन शेख ने उन्हें सिविल सर्विसेज की ओर प्रेरित किया और यहीं से अदिबा के जीवन में बदलाव आया।संघर्ष और सफलता की कहानीइंमदार कॉलेज, पुणे से गणित में बीएससी की डिग्री प्राप्त करने के बाद, अदिबा पुणे में यूपीएससी की कोचिंग के लिए आईं, क्योंकि यवतमाल में पर्याप्त कोचिंग सेंटर नहीं थे। उन्होंने हज हाउस और बाद में जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी से यूपीएससी की तैयारी की। अदिबा को पहले तीन प्रयासों में सफलता नहीं मिली। उन्होंने एक बार साक्षात्कार में स्थान पाया था, लेकिन अंतिम सूची में उनका नाम नहीं आया। इसके बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में अदिबा ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में 142वां रैंक हासिल कर यह सिद्ध कर दिया कि मेहनत और साहस से कोई भी मंजिल प्राप्त की जा सकती है।अब जब अदिबा ने आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया है, तो उनका उद्देश्य लड़कियों और समाज के गरीब वर्गों को जागरूक करना है। उनका मानना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार करने से समाज में वास्तविक बदलाव लाया जा सकता है। उनकी सफलता ने न केवल उनके परिवार को गर्वित किया है, बल्कि पूरे यवतमाल जिले को भी प्रेरित किया है। स्थानीय पुलिस, पूर्व मंत्री और अन्य समाजसेवी उनकी सफलता की सराहना कर रहे हैं। प्रेरणा का स्रोतअदिबा अनम की कहानी यह साबित करती है कि जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं, लेकिन अगर इरादा मजबूत हो और मेहनत पूरी हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं होता। उनके पास न तो बड़े शहर की पृष्ठभूमि थी, न ही किसी महंगे स्कूल में पढ़ाई की सुविधा और न ही घर में स्थिर आय, लेकिन उनकी मेहनत और जज्बा ने उन्हें इस सफलता तक पहुंचाया।अदिबा अनम की यह सफलता न केवल उनके लिए बल्कि उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका उदाहरण यह सिद्ध करता है कि अगर दिल में इच्छा हो और मेहनत सही दिशा में हो, तो किसी भी मंजिल तक पहुंचा जा सकता
