VVISHNU MITTAL BHARATPUR/DAILY INDIATIMES/29.MSY.2025

मुश्किल समय में समृद्ध भारत अभियान के निदेशक सियाराम गुप्ता ने आर्थिक सहायता प्रदान कर फरिश्ते जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया

भरतपुर (रूदावल)। जिले के माडापुरा गांव में 26 मई को एक दर्दनाक घटना में दंपति सुरेश सिंह और रीना जाटव ने आत्महत्या कर ली। इस हृदय विदारक हादसे के बाद उनके पीछे एक से दस वर्ष की आयु के पांच मासूम बच्चे — तीन बेटियां और दो बेटे अनाथ रह गए। पूरे गांव में शोक और चिंता का माहौल था कि इन बच्चों का भविष्य अब कैसे संवरेगा?

इसी मुश्किल समय में ‘समृद्ध भारत अभियान’ के निदेशक सीताराम गुप्ता एक फरिश्ते की तरह सामने आए। उन्होंने न केवल बच्चों की जिम्मेदारी उठाई, बल्कि कुम्हेर के सीडीपीओ महेंद्र अवस्थी और प्रदेश प्रभारी पुनीत गुप्ता के माध्यम से तत्काल आर्थिक सहायता भी भिजवाई। यह राशि रूदावल के तहसीलदार हरभजन मीणा की उपस्थिति में मृतक के बड़े भाई महेन्द्र जाटव को सौंपी गई, जो अब इन बच्चों की देखरेख करेंगे।
सीताराम गुप्ता ने इस अवसर पर कहा, “जिसका कोई नहीं होता, उसका रखवाला स्वयं ईश्वर होता है। इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना अब हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।” उन्होंने क्षेत्र के भामाशाहों और सामाजिक संस्थाओं से भी अपील की कि आगे बढ़कर इन मासूमों की शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन-निर्वाह में सहयोग करें।ग्राम पंचायत और प्रशासन भी सक्रियतहसीलदार हरभजन मीणा ने इस नेक पहल की सराहना करते हुए कहा, “कष्ट की घड़ी में मदद करने वाला इंसान वास्तव में महान होता है।” उन्होंने बच्चों को पालनहार योजना और अन्य सरकारी लाभ जल्द दिलाने के निर्देश सरपंच और हल्का पटवारी को दिए हैं। साथ ही, समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा जाएगा, जिससे बच्चों को हरसंभव सहायता शीघ्र मिल सके।
इस अवसर पर विष्णु मित्तल, मोनू सेन, महेश जाटव, श्याम लाल, रोशन लाल, विशेष कुमार, राजेन्द्र सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।आप भी बन सकते हैं किसी का सहाराइन अनाथ बच्चों की तरह देश के कई बच्चे असहाय परिस्थितियों में जी रहे हैं। अगर आप भी उनके लिए कुछ करना चाहते हैं — आर्थिक सहायता, शिक्षा, चिकित्सा या भोजन के माध्यम से — तो आज ही आगे आइए। आपकी एक छोटी सी मदद किसी की जिंदगी की नई शुरुआत बन सकती है।संपर्क करें:मृतक का बड़ा भाई महेन्द्र सिंह मोबाइल नंबर 78915 51094अथवा समृद्ध भारत अभियान भरतपुर > “मानवता की सबसे बड़ी सेवा है – एक अनाथ के चेहरे पर मुस्कान लौटाना।”
